कुरान समीक्षा : कुरान में झूठ का प्रवेश नहीं है

कुरान में झूठ का प्रवेश नहीं है

कुरान में झूठ का प्रवेश नहीं है यह दावा क्यों न गलत माना जावे? जबकि कुरान में-

आसमान में ओलों के पहाड़ जमे होने की बात

कागज की तरह आसमान का लपेटना

आसमान में बुर्ज है

आदि अनेक स्थल सर्वथा काल्पनिक लिखे हुए मिलते हैं?

देखिये कुरान में कहा गया है कि-

इन्नल्लजी-न क-फरू बिज्जिविर…….।।

(कुरान मजीद पारा २४ सूरा हामीम अस-सज्दा रूकू ५ आयत ४१)

यह कुरान एक बुलन्द मर्तबा अर्थात क्या अजीब किताब (कुरान) है।

ला यअ्तीहिल्-बातिलु मिम्बैनि……….।।

(कुरान मजीद पारा २४ सूरा हामीम अस-सज्दा रूकू ५ आयत ४२)

इसमें झूठ का न इसके आगे से और न इसके पीछे से दखल है । हिकमत वाले खुदा ने इसें सब खूबियों के सहारे से उतारी हुई है।

समीक्षा

इस किताब में पीछे जो भी अवैज्ञानिक बातों को कुरान से उल्लेख है उनसे कुरान की इस आयत के दावे का खण्डन स्वयं ही हो जाता हैं ।

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