कुरान समीक्षा : खुदा का मकर करना

खुदा का मकर करना

क्या धोखेबाजी, मक्कारी करना खुदा की सिफात अर्थात् गुण है या अवगुण है? जो मक्कर हो क्या वह कभी खुदा हो सकता है?

देखिये कुरान में कहा गया है कि-

व म- करू व म-क रल्लाहुवल्लाह………।।

(कुरान मजीद पारा ३ सूरा आले इम्रान रूकू ५ आयत ५४)

यहूद ने ईसा मकर किया। अल्लाह ने उससे अर्थात् यहूद से मकर किया और अल्लाह मकर अर्थात् धोखा या चालबाजी करने वालों में एक अच्छा मकर करने वाला है।

समीक्षा

इस आयत में खुदा ने अपने को बढ़िया मकर फरेब करने वाला बताकर अपनी निदा की है या प्रशंसा? यह सबको विचार करना चाहिए। जब अरबी खदा मकर फरेब करने में माहिर है तो उसके अन्धभक्त मुसलमा भी यदि मकर व फरेब करने वाले बनें तो उन्हें कौन दोष दे सकता है?

2 thoughts on “कुरान समीक्षा : खुदा का मकर करना”

  1. ayat 54 nahi 55 hai aur Allah her yeb se pak hai aur jab jisame koi aieb n ho to us sandarbh me tarjuma bhi hoga yani Allah behtar planer hai ya khufiya tadbeer wala hai

    1. Sahil जनाब
      सबसे पहली बात आयत की संख्या आगे पिछे हो सकती है इसमें कोई बात नहीं मगर प्रमाण तो सही दिया जिसमे मकर करने की जानकारी दी गयी है | अल्लाह क्यों मकर करता है ? अल्लाह को क्यों मकर करने की जरूरत पड़ता है जबकी वह कुछ भी कर सकता है फिर मकर क्यों ? यह अल्लाह पर दोष नहीं लगेगा ??

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