कुरान समीक्षा : खुदा (मुन्सिफ)-वकील, गवाह और मुल्जिम?

खुदा (मुन्सिफ)-वकील, गवाह और मुल्जिम?

बतावें कि खुदा और तहसीलदार की कचहरी में क्या अन्तर होगा? क्या लोगों को अपना बैरिस्टर खड़ा करने की छूट होगी। यदि किसी तगड़े बैरिस्टर ने खुदा को हरा दिया तो खुदा की क्या इज्जत रहेगी?

देखिये कुरान में कहा गया है कि-

हा- अन्तुम हा-उला- इ जादल्तुम्……..।।

(कुरान मजीद पारा ५ सूरा रूकू १६ आयत १०९)

सुनो तुमने दुनियाँ की जिन्दगी में उनकी तरफ होकर झगड़ा कर लिया तो कयामत के दिन उनकी तरफ से अल्लाह के साथ कौन झगड़ा करेगा और कौन उनका वकील होगा?

समीक्षा

कुरान बताता है कि कयामत के दिन खुदा एक कुर्सी या तख्त पर बैठेगा। वकील अपने मुल्जिमों के मुकद्दमों की पैरवी करेंगे और खुदा से खूब बहस मुबाहिसा व झगड़ा करेंगे तब कहीं खुदा अन्त में किसी को हूरें व गिलमें अर्थात् औरतें व लोंड़े भोगने के लिए जन्नत में तथा दूसरों को दोजख में भेजेगा।

यह बात नहीं खोली गई है कि उन वकीलों को फीस कौन देगा? और वह कितनी होगी तथा वकीलों की उस समय पोशाक अंग्रेजी शूट-बूट हैट की होगी, अरबी होगी या वे मादर जात नंगे ही वहां खड़े होकर पैरवी करेंगे? यह बात सबको जान लेनी चाहिए कि खुदा के दरबार में भी बिना वकीलों से पैरवी कराये किसी का काम न बनेगा, और न अरबी खुदा ही पैरवी के किसी का मुकदमा सुन सकेगा।

कयामत के दिन हम ऐसे ‘‘वरिष्ठ आर्य समाजी’’ वकीलों का इन्तजाम कर देंगे जो अरबी खुदा के सरकारी वकीलों को हराकर खुदा के बन्दों को दोजख में भिजवा कर काफिरों को जन्नत अर्थात् बहिश्त पर बे रोक टोक कब्जा करा देंगे। सारी हूरें काफिरों के हिस्से में आ जावेंगी और गिलमों को धक्का मार-मार कर खुदा के अरबी चेलों के लिए दोजख में भेज दिया जावेगा।

जन्नत की दूध और शहद की नहरों पर काफिरों का कब्जा होगा और सौंठ व कपूर मिली जहरीली शराब ड्रमों में भरवा कर खूब गरम करा के कुरान परस्त अरबी लोगों के लिये दोजख में भिजवा दी जावेगी। रिश्वत से सारे काम हो जाते हैं, खुदाई व सरकारी वकीलों को तोड़ लेना पैसे वाले काफिरों के लिये बहुत ही मामूली बातें होंगी।

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