खुदा तख्त पर बैठता है

खुदा तख्त पर बैठता है

यदि तख्त पर खुदा बैठता है तो तख्त खुदा से बड़ा होगा। यदि खुदा बड़ा होगा तो तख्त के इधर-उधर लटकता रहेगा। बतावें कि तख्त है या खुदा?

देखिये कुरान में कहा गया है कि-

अ्ल्ल जी ख-ल-कस्समावाति……….।।

(कुरान मजीद पारा १९ सूरा फूर्कान रूकू ५ आयत ५९)

जिसने जमीन और आसमान को, जो कुछ आसमान और जमीन के बीच में है उसे छः दिन में पैदा किया और फिर आसमानी तख्त पर जा बैठा।

वल्म लुक अला अरजाइहा………….।।

(कुरान मजीद पारा २९ सूरा हाक्क रूकू १ आयत १७)

(कयामत के दिन) तुम्हारे परवर्दिगार के तख्त को आठ फरिश्ते अपने ऊपर उठाये हुए होंगे।

समीक्षा

कुरान में खुदा के लेटने, खड़े होने, आराम का कोई जिक्र नहीं किया गया है हर समय हजारों, लाखों या करोड़ों सालों तक बैठे रहने से बीमारी हो जाना, कमर दर्द होना, कमर का रह जाना आदि स्वाभाविक है। यह तो एक तरह की सजा जैसी बात है। पर यहूदियों की एवं कुरान की मान्य ‘‘पुस्तक तौरेत में उत्पत्ति ३-९’’ से खुदा का रोजाना सबेरे अदन के बाग में (स्वास्थ्य ठीक रखने को) टहलने के लिए जाने का वर्णन दिया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *