कुरान समीक्षा : कयामत करीब है

कयामत करीब है

कयामत करीब है, उसमें ‘करीब’ से क्या मतलब था? कुरान को बने १५०० वर्ष बीतने पर भी कयामत करीब नहीं आई अतः कुरान की यह आयत गलत साबित हो गई।

देखिये कुरान में कहा गया है कि-

व लिल्लाहि गैबुस्समावाति वल्………………।।

(कुरान मजीद पारा १४ सूरा नहल रूकू ११ आयत ७७)

कयामत का वाके होना ऐसा है कि जैसा आंख का झपकना, बल्कि वह करीब है। बेशक अल्लाह हर चीज पर शक्तिशाली है।

समीक्षा

अब से १४०० वर्ष पहले यह आयत लिखी गई थी। कि कयामत बहुत करीब आ लगी है। परन्तु आज तक इतना समय बीतने पर भी कयामत नहीं आ पाई है वास्तव में सृष्टि उत्पत्ति और प्रलय के रहस्य को अरबी खुदा और उसके पैगम्बर दोनों ही नहीं समझ पाये थे। अभी तो जमीन की आधी उमर भी नहीं बीती है। जमीन की उम्र चार अरब बत्तीस करोड़ साल की है जिसमें से अभी तक दस अरब सत्तानवे करोड़ उन्तीस लाख उन्नचास हजार चौहत्तर साल बीते हैं शेष अभी भोगने के लिए बाकी हैं उसके बाद प्रलय आवेगी, यह वैदिक सिद्धान्त सर्वथा सत्य है।

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