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Continue to Chat(ख) प्राचीन काल में भी चारवाक के नाम से एक नास्तिक मत-(दर्शन) प्रचलित था, जो ईश्वर तथा पुनर्जन्म को नहीं मानते थे। ऋणं कृत्वा घृतम् पिवेत्, भस्मीभूतस्य देहस्य पुरागमनम् कुतः, ऐसा मानते थे। http://aryamantavya.in/ishwar-aur-punarjanam/