प्रभु का इकलौता पुत्र न रहा: प्रा राजेंद्र जिज्ञासु

प्रभु का इकलौता पुत्र न रहा

 

पूज्यपाद श्री स्वामी सत्यप्रकाशजी पूर्वी अफ्रीका की वेद-प्रचार

यात्रा पर गये। एक दिन एक पादरी ने आकर कुछ धर्मवार्ता आरज़्भ

की। स्वामीजी ने कहा कि जो बातें आपमें और हममें एक हैं उनका

निर्णय करके उनको अपनाएँ और जो आपको अथवा हमें मान्य न हों,

उनको छोड़ दें। इसी में मानवजाति का हित है। पादरी ने कहा ठीक

है।

स्वामी जी ने कहा-‘‘हमारा सिद्धान्त यह है कि ईश्वर एक

है।’’

पादरी महोदय ने कहा-‘‘हम भी इससे सहमत हैं।’’ तब

स्वामीजी ने कहा-‘‘इसे कागज़ पर लिख लो।’’

फिर स्वामीजी ने कहा-‘‘मैं, आप व हम सब लोग उसी

एक ईश्वर की सन्तान हैं। वह हमारा पिता है।’’

श्री पादरीजी बोले, ‘‘ठीक है।’’

श्री स्वामीजी ने कहा-‘‘इसे भी कागज़ पर लिख दो।’’

श्री पादरीजी ने लिख दिया। फिर स्वामीजी ने कहा-जब हम

एक प्रभु की सन्तानें हैं तो नोट करो, उसका कोई इकलौता पुत्र नहीं

है, यह एक मिथ्या कल्पना है। पादरी महाशय चुप हो गये।

 

7 thoughts on “प्रभु का इकलौता पुत्र न रहा: प्रा राजेंद्र जिज्ञासु”

  1. The thoughts and debate are valuable for thr benefits of humanity . God is one anf only one in thid entire world . No body id similar to God . We are the sons and daughters of Almighty & Omnipresent God . God never takes birth & never dies . HARI CHAND SNEHI , INDIA .

  2. बहुत अच्छा प्रेरक प्रसंग है यह। लेखक महोदय को धन्यवाद। सादर।

  3. यीशु को इकलौता पुत्र इसलिए कहा जाता है क्योंकि उन्होने परमात्मा कि हर बात मानी .
    जो भी परमात्मा कि हर बात मानेगा उनका पुत्र कहलाएगा.
    १ यूहन्ना ३:९ मे लिखा है..
    जो परमेश्वर से जन्मा है वह पाप नही करता |

  4. विपिन विलसन साहब……
    आप छोटी सी बात भी नहीँ समझ पाये!
    क्या आप ईश्वर की आज्ञा को नहीँ मानते?
    ईश्वर के नीयम को सभी इन्सानों को मानना पड़ता है,इसलिए सभी ईश्वर के संतान हैं!
    छोटी सी बात है!

  5. Vipin..
    Agar Ghar me Bhai pitaki bat Na mane to Kya wo pitaji ka beta nahi hoga kya?….aur ye kaisa pita hai Jo bete ko bina baap ka baba Diya…? Kya ye mumkin hai?

    1. स्वयं निर्णय करें , विवेक का प्रयोग करें
      बिना पिता के पुत्र का होगा कैसे संभव है
      सृष्टि के अपरिवर्तित नियमों के विपरीत है

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