हदीस : गुलाम की संपत्ति का वारिस कौन ?

गुलाम की संपत्ति का वारिस कौन ?

अगर एक गुलाम को आजाद भी कर दिया जाये, तो भी उसकी संपत्ति मुक्तिदाता की होगी (3584-3595)। आयशा एक गुलाम लौंडी, वरीरा, की मदद करना चाहती थी। वह उसकी आजादी इस शर्त पर खरीदने को तैयार थी कि ”मुझे तुम्हारी सम्पत्ति पर अधिकार मिलेगा। लेकिन लौंडी का स्वामी नगद दाम लेकर ही उसको तो आज़ाद करने का इच्छुक था। वह लौंडी की सम्पत्ति का हक़ अपने पास रखना चाहता था। मुहम्मद ने आयशा के हक़ में यह फैसला दिया-”उसे खरीद लो और मुक्त कर दो, क्योंकि संपत्ति का उत्तराधिकार उसका होता है, जो मुक्त करता है।“ फिर मुहम्मद ने फटकार लगाई-”लोगों को क्या हो गया है, जो वे ऐसी शर्तें रखते हैं जो अल्लाह की किताब में नहीं पायीं जातीं“ (3585)

author : ram swarup

 

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