Category Archives: इतिहास प्रदुषण

इनको कुछ नहीं कहा जा सकताः-राजेन्द्र जिज्ञासु

इनको कुछ नहीं कहा जा सकताः

दिल्ली के पड़ोस से श्री विजय आर्य नाम के एक युवक ने हमें ‘आर्य संदेश’ के नवबर 2015 के दूसरे अंक में ‘‘सरदार पटेल’’ पर छपे लेख को पढ़कर सत्यासत्य का निर्णय करने को कहा है। प्रश्नकर्त्ता ने कहा है कि लोकप्रिय पुस्तक ‘श्रुति सौरभ’ में पं. शिवकुमार जी ने सरदार पटेल की पुत्री मणिबेन की जो प्रेरणाप्रद घटना दी है, इसे तोड़-मरोड़ कर ‘आर्य सन्देश’ के लेखक ने दिया है। क्या यही धर्म प्रचार है? हमारा निवेदन है कि यह ठीक है कि सत्य कथन को, प्रेरक इतिहास को प्रदूषित करना पाप है, परन्तु हम इन लोगों को कुछ नहीं कह सकते। ये नहीं सुधरेंगे। ‘गुरुमुख हार गयो जग जीता’ इनको कौन रोके? उस समय सरदार के पास महावीर त्यागी बैठे थे। यह लेखक एक क्रान्तिकारी को घसीट लाया है। मणिबेन को इस लेखक ने वहीं चरखा चलाने- सूत कातने पर लगा दिया है। पं. शिवकुमार जी को इतिहास का व्यापक ज्ञान था। इन उत्साही लोगों  को तो अपनाएक इतिहास प्रदूषण महामण्डल रजिस्टर्ड करवा लेना चाहिये।