Category Archives: आचार्य श्रीराम आर्य जी

कुरान समीक्षा : खुदा कयामत के दिन का मालिक है

खुदा कयामत के दिन का मालिक है

दुनियां को पैदा करके पालन करने वाला खुदा को बताना उसकी प्रतिष्ठा को बढ़ावेगा या उसे प्रलय अर्थात् विनाश के दिन का कब्रिस्तान का मालिक बताना बढ़ावेगा?

सरसब्ज बागों का मालिक दुनियां का परोपकार करने वाला भला आदमी होगा या मरघट का मालिक बनना अच्छी बात होगी ? कुरान ने कयामत का मालिक बताकर खुदा की बेइज्जती क्यों की है?

देखिये कुरान में कहा गया है कि-

मालिकि यौमिद्दीन………………।।

(कुरान मजीद पारा १ सूरा फातिहा रूकू १ आयत ३)

वही परवरदिगार न्याय के दिन अर्थात् कयामत के दिन का मालिक है।

समीक्षा

जो खुदा सारे संसार की सभी वस्तुओं का सदैव मालिक है उसे कयामत के दिन का मालिक बनाने से उसकी इज्जत नहीं बढ़ती है। जैसे भारत के मालिक को दिल्ली-आगरा का मालिक बताना उसका अपमान करना ही होगा।

कुरान समीक्षा : खुदा के प्रगट होने पर पहाड़ चूर-चूर हो गया

खुदा के प्रगट होने पर पहाड़ चूर-चूर हो गया

क्या खुदा इतना भारी था कि उसके बोझ के मारे पहाड़ भी चूर-चूर हो गया था? या खुदा इतना पापी था कि उसके आते ही तबाही पैदा हो गई थी? खुदा के आने पर खुशहाली क्यों नहीं पैदा होती खुलासा करें?

देखिये कुरान में कहा गया है कि-

व लम्मा जा- अ मूसा लिमी……….।।

(कुरान मजीद पारा ८ सूरा आराफ रूकू १७ आयत १४३)

फिर जब उसका पालनकर्ता पहाड़ पर जाहिर हुआ तो उसको चकनाचूर कर दिया और हजरत मूसा मूर्छा खाकर गिर पड़े।

समीक्षा

खुदा के जाने पर पहाड़ पर हरियाली और सुन्दर दृश्य पैदा हो जाने चाहिये थे, रोशनी होनी चाहिये थी। भले आदमी जब आते हैं तो खुशियां चारों ओर पैदा हो जाती हैं। बदमाश जब आते हैं तो बुरे लक्षण पैदा होते हैं।

खुदा क्या कोई राक्षस था जो उसके आने पर तबाही पैदा गई? या खुदा बेहद भारी था जो पहाड़ उसके बोझ से टूट कर चकनाचूर हो गया?

कुरान समीक्षा : खुदा घेर लिया जावेगा

खुदा घेर लिया जावेगा

क्या खुदा को भी घेरा जा सकता है? यदि हां तो उसकी लम्बाई चौड़ाई व मोटाई कितनी है? बताया जावे कि वह कितने बड़े मकान में समा सकता है।

देखिये कुरान में कहा गया है कि-

व-त-रल्-मलाई-क-त हाफ्फी………।।

(कुरान मजीद पारा २३ सूरा जुमर रूकू ८ आयत ७५)

और (ऐ पैगम्बर! उस दिन) तू देखेगा कि फरिश्ते अपने परवर्दिगार की खूबी बयान करते हुए तख्त को (जिस पर खुदा बैठा होगा) आस-पास घेरे हुए हैं।

समीक्षा

जब खुदा को घेरा जा सकता है तो वह कद में (लम्बाई चौड़ाई मोटाई में) बहुत बड़ा (अनन्त) नहीं हो सकता है, बल्कि वह एक घेरे में आ जाने वाली छोटी सी हस्ती का व्यक्ति होगा।

कुरान समीक्षा : दोजख में आंतें गल जावेंगी

दोजख में आंतें गल जावेंगी

पेट के अन्दर के सभी हिस्से गल जाने पर भी इन्सान जिन्दा बना रहेगा यह साबित करके दिखावें वरना इसे गप्प क्यों न मानी जावे?

देखिये कुरान में कहा गया है कि-

हाजानि खस्-मानिख्-त- समू………।।

(कुरान मजीद पारा १७ सूरा हज्ज रूकू २ आयत १९)

जो लोग खुदा को नही मानते उनके लिये आग के कपड़े हैं। उनके सिरों पर खोलता हुआ पानी डाला जायेगा।

युस्हरू बिहीमा फी बुतूनिहिम्…………।।

(कुरान मजीद पारा १७ सूरा हज्ज रूकू २ आयत २०)

जिससे जो कुछ उनके पेट में हैऔर खाले गल जायेंगी।

म-सलुल्- जन्नतिल्लती बुअिदल्…………..।।

(कुरान मजीद पारा २६ सूरा मुहम्मद रूकू २ आयत १५)

और उनको मारने-ठोकने के लिए लोहे के हथोड़े (इस्तेमाल) होंगे। उनको खोलता हुआ पानी पिलाया जायेगा, और वह उनकी आंतों के टुकड़े-टुकड़े कर डालेगा।

(कुरान मजीद पारा २६ सूरा मोहम्मद रूकू २ आयत १५)

समीक्षा

जब आग शरीर की खाल जल जावेगी, मांस भुन जावेगा तथा पेट के अन्दर के सभी हिस्से जिगर-तिल्ली गुर्दे आंतें गल कर मिट जावेंगे तो फिर इन्सान जिन्दा कैसे रहेगा?

नोट- जब वह मर जायेंगे तो पानी किसे पिलाया जायेगा? किन्हें लोहे के हथोड़े से ठोका जायेगा? क्या कोई ठिकाना है इस तरह की बातों को पेश करने का? क्या ऐसी बातें कोई खुदा कह सकता है? हर्गिज, हर्गिज नहीं। इन बातों के कहने से खुदा का ऐसा कौन सा रूतबा बढ़ता है? कुछ भी तो नहीं, हमारे मुसलमान भाईयों को ऐसी बे सिर पैर की बातों पर गम्भीरता से विचार करना चाहिये।

‘‘लाजपत राय अग्रवाल’’

कुरान समीक्षा : कुरान फरिश्ते का पैगाम है

कुरान फरिश्ते का पैगाम है

कुरान जब यह खुली घोषणा कसम खा-खाकर करता है कि यह एक फरिश्ते का पैगाम है तो वह खुदाई पैगाम नहीं रहा। क्या खुदा भी कोई फरिश्ता था? कुरान को खुदाई साबित करों।

देखिये कुरान में कहा गया है कि-

वल्लैलि इजा अस्-अस…………।।

(कुरान मजीद पारा २२ सूरा तक्वीर रूकू १ आयत १७)

और रात की कसम जब उसका उठान हो।

वस्सुब्हि इजा त-नफ्फस………….।।

(कुरान मजीद पारा २२ सूरा तक्वीर रूकू १ आयत १८)

और सुबह की (कसम) जिस वक्त उसकी पौ फटती है।

इन्नहू लकौलु रसूलिन् करीमिन्……….।।

(कुरान मजीद पारा २२ सूरा तक्वीर स्कू १ आयत १९ )

बेशक ! यह (कुरान) एक प्रतिष्ठत फरिश्ते का पैगाम है।

वह मा हु-व बिकौलि शैतानिर्…………।।

(कुरान मजीद पारा २२ सूरा तक्वीर रूकू १ आयत २५)

यह शैतान ‘‘मर्दूद’’ का कहा हुआ नहीं है।

समीक्षा

यह तो कोई नहीं कहता कि कुरान शैतान का कहा हुआ है, मगर इसमें यह भी साफ शब्दों में घोषणा कर दी गई है कि कुरान प्रतिष्ठित फरिश्ते का पैगाम है।

अर्थात् यह खुदा के द्वारा कहा गया या उसका बनाया हुआ या उसका भेजा हुआ पैगाम अर्थात् खुदायी किताब हरगिज नहीं है।

कुरान समीक्षा : खुदा की कसम किसने खाई खुदा ने या पैगम्बर ने

यह खुदा की कसम किसने खाई खुदा ने या पैगम्बर ने

बतावें कि यह कसम खाने वाला मुहम्मद था या कोई दूसरा खुदा था?

देखिये कुरान में कहा गया है कि-

फ-व रब्बि्-क ल-नस्अ-लन्नहुम्……….।।

(कुरान मजीद पारा १४ सूरा हिज्र रूकू ६ आयत ९२)

तेरे ‘‘परवर्दिगार की कसम’’ है कि हम उन सबसे जरूर पूछेंगे।

व कालल्लजी-न क- फरू ला-तअ्………..।।

(कुरान मजीद पारा २२ सूरा सबा रूकू १ आयत ३)

पोशीदा बातों के जानने वाले अपने ‘‘परवर्दिगार की कसम’’ कयामत जरूर आवेगी।

समीक्षा

कुरान जब खुदा का बनाय हुआ है तों उस खुदा ने किस खुदा की कसम खाई है? क्या इस्लाम में दो खुदा हैं? ये आयतें मुहम्मद की बनाई हुई कुरान में जोड़ दी गई हैं या शैतान की हैं? इसका खुलासा करें।

कुरान समीक्षा : आसमान में दरवाजे और किवाडें भी हैं

आसमान में दरवाजे और किवाडें भी हैं

साबित करके दिखावें कि क्या पीले आकाश में किवाड़, चौखट और दरवाजे भी लगे हैं?

अरबी खुदा की किताब कुरान को संसार के बड़े-बड़े विश्व विद्यालयों में रिसर्च के लिए रखना क्यों नामुनासिब होगा? क्या हम विश्वास रखें कि कुरान में कोई ऐब नहीं है और यह गप्प भी उल्माये इस्लाम सत्य साबित करके दिख सकेंगे?

देखिये कुरान में कहा गया है कि-

व लौ फ-तह्ना अलैहिम् बाबम्………….।।

(कुरान मजीद पारा १४ हिज्र रूकू १ आयत १४)

अगर हम इन लोगों के लिए आसमान का एक दरवाजा भी खोल दें और यह लोग सब दिन चढ़ते रहें।

लकालू इन्नमा सुक्किरत् अब्सारूना…….।।

(कुरान मजीद पारा १४ सूरा हिज रूकू १ आयत १५)

तो भी यही कहेंगे कि हो न हो हमारी नजर बाँध दी गई है और हम पर जादू कर दिया गया है।

व ल-कद् ज- अल्ला फिस्समाइ…….।।

(कुरान मजीद पारा १४ सूरा हिज्र रूकू १ आयत १६)

और हम ही ने आसमान में बुर्ज अर्थात् गुम्बद बनाये।

समीक्षा

आसमान में दरवाजे-चौखटें व किवाड़ें भी हैं, दरवाजे भी अनेक होंगे। अरब के कुरानी खुदा का इल्म दरअसल नुमायश में पेश करने योग्य था समझदार लोग विचार करें।

कुरान समीक्षा : कुरान लोहे महफूज पर खुदा ने लिख रखा है

कुरान लोहे महफूज पर खुदा ने लिख रखा है

क्या खुदा पूरे कुरान को याद नहीं रख सकता था जो उसे लोहे की तख्ती पर उसे लिखकर रख लेना पड़ा था?

क्या इस मामले में हमारे मुसलमान हाफिज खुदा से बाजी नहीं मार ले गये जो पूरा कुरान कंठस्थ याद कर लेते हैं? बतावें कि खुदा का दिमाग इतना कमजोर क्यों हो गया है जो वह कुरान भी हिफ्ज अर्थात् मुजबानी याद नहीं रख सकता था?

देखिये कुरान में कहा गया है कि-

बल् हु-व कुर् आनुम्-मजीद……………।।

(कुरान मजीद पारा ३० सूरा बुरूज रूकू १ आयत २१)

बल्कि यह कुरान बड़ी शान का है।

फी लौहिम्-मह्फूज………..।।

(कुरान मजीद पारा ३० सूरा बुरूज रूकू १ आयत २२)

हमने कुरान को लोहे महफूज लिखा हुआ है।

समीक्षा

असल कुरान खुदा ने किसी कठिन भाषा में लौहे महफूज नाम की लोहे की तख्ती पर लिख कर रख लिया है। मौजूदा कुरान तो उसको सरल करके काँट छाँट कर बनाया गया है। हम जानना चाहते हैं कि लौहे की तख्ती पर तो जंग भी लग सकती है उस स्थिति में उस पर लिखा हुआ खुदाई कलाम कैसे महफूज अर्थात् सुरक्षित रह सकता है?

कुरान समीक्षा : बाल बच्चे भी जन्नत में जायेंगे

बाल बच्चे भी जन्नत में जायेंगे

जन्नत में जाते समय तक भी बच्चे क्या बच्चे ही बने रहेंगे या वे उस वक्त तक कब्रों में बढ़ कर दाड़ी मूंछ वाले बड़े बन जावेंगे? जन्नत में उन बाल बच्चों के निकाह को ओरतें भी मिलेंगी या बेचारे सदा क्वारें ही रहा करेंगे?

क्या उनको भी हूरों का मजा चखने को मिलेगा?

देखिये कुरान में कहा गया है कि-

व यन्कलिबु इला अह्लिही मस्रूरा……….।

(कुरान मजीद पारा ३० सूरा इन्श्किाक रूकू १ आयत ९)

और (जन्नती) खुश-खुश अपने बाल-बच्चों में वापस जायेगा।

समीक्षा

मुसलमानों के बीबी बच्चे भी बहिश्त में साथ जायेंगे और वहाँ भी हुरों से बेशुमार पैदा हुआ करेंगे। बधाई है, उनके इस्लाम का कुनबा खूब बढ़ेगा।

कुरान समीक्षा : आसमान व जमीन खुदा की बात सुनेंगे

आसमान व जमीन खुदा की बात सुनेंगे

आसमान व जमीन के भी क्या बातें सुनने को कान होते हैं? यदि हों तो वे कितने-कितने बड़े हैं और किधर हैं यह साबित करें?

देखिये कुरान में कहा गया है कि-

इजस्समाउन्शक्कत्…………।।

(कुरान मजीद पारा ३० सूरा इन्शिकाक रूकू १ आयत १)

और जब आसमान फट जावेगा।

व अजिनत लिरब्बिहा व हुक्कत…….।।

(कुरान मजीद पारा ३० सूरा इन्श्किाक रूकू १ आयत २)

और अपने परवर्दिगार की बात सुनेगा और यह उसका फर्ज ही है।

व इजल्अर्जु मुद्दत्…………..।।

(कुरान मजीद पारा ३० सूरा इन्श्किाक रूकू १ आयत ३)

और जब जमीन तान दी जायेगी।

व अल्कत मा फीहा व त-खल…….।।

(कुरान मजीद पारा ३० सूरा इन्श्किाक रूकू १ आयत ४)

और जो कुछ उसमें है बाहर डाल देगी और खाली हो जायेगी।

व अजिनत लिरब्बिहा व हुक्मत………..।।

(कुरान मजीद पारा ३० सूरा इन्श्किाक रूकू१ आयत ५)

और अपने परवर्दिगार की बात सुनेगी यह तो उसका फर्ज ही है।

समीक्षा

शून्य आकाश और जड़ जमीन खुदा की बातें सुनेंगे यह बात बेतुकी है। जमीन क्या कोई चादर है जो तान दी जायेगी? जब जमीन की हर चीज अलग-अलग हो जावेगी तो जमीन नाम की कोई चीज खुदा की बात सुनने को बाकी ही न रहेगी।