क़ुरआन सीरियाई शब्द है, तो सम्पूर्ण क़ुरआन अरबी में कैसे ?

क़ुरआन शब्द – सीरिया भाषा के “केरयाना” शब्द से लिया गया था – जिसका अर्थ होता है – “शास्त्र पढ़” – इसे बदल कर क़ुरआन कर दिया गया – जिसका मतलब होता है – “वह पढ़ा” अथवा “उसे सुनाई” –

दूसरी बात की क़ुरआन में अल्लाह ने बोला है – क़ुरआन को विशुद्ध अरबी भाषा में दिया गया –

तो संशय ये है की सीरियन भाषा – इस्लाम आने के ५०० साल लगभग पहले से विद्यमान है – फिर ऐसा क्यों की सीरिया की भाषा को प्रयोग करके “क़ुरआन” शब्द को रचा गया ???

क्या अल्लाह मियां नया शब्द देने में माहिर न थे ???

नोट : क़ुरआन में अल्लाह मियां बहुत जगह ऐसा कहे हैं की क़ुरआन को विशुद्ध अरबी में नाज़िल किया –

तब ऐसा क्यों है की क़ुरआन में अरबी के अलावा 74 अन्य भाषाओ का वजूद मिलता है ????

क्या अल्लाह ने अनेक भाषाओ के शब्द चोरी किये ???

या अन्य भाषाओ के अरबी शब्द ईजाद नहीं किये जा सके ??

या फिर अल्लाह मियां थोड़ा झूठ बोल गए की क़ुरआन विशुद्ध अरबी में है ????

क्योंकि क़ुरआन में अरबी भाषा के आलावा अन्य बहुत सी भाषाए हैं जिनसे कोई मुस्लिम भी इंकार नहीं कर सकता – इससे ये सम्भावना प्रबल होती है की क़ुरआन शब्द विशुद्ध अरबी नहीं है –

भाई सच क्या है – कोई मुस्लिम मित्र जरा सत्य से अवगत करावे –

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