इस्लाम और ईसाइयत का इतिहास एक नज़र में

क्या हजरत आदम और उनकी बेगम हव्वा – कभी थे भी ?????

ये सवाल इसलिए बहुत महत्वपूर्ण है – क्योंकि – ये जानना बहुत जरुरी है इसलिए नहीं कि कोई मनगढंत बात है या सवाल है –

क्या कोई वैज्ञानिक प्रमाण मिला है आज तक जो इनके प्रेम प्रतीक –
अथवा त्याग और बलिदान की मिसाल पेश करे ??

अब कुछ लोग (ईसाई और मुस्लमान) अपने अपने धारणा के हिसाब से बेबुनियाद बात करते हुए कहेंगे की –

ये जो मानव जाती है – ये इन्ही आदम और हव्वा से चली है – जो की “स्वघोषित” अल्लाह मियां अथवा तथाकथित परमेश्वर “यहोवा” ने बनाई थी –

जब बात आती है – भगवान श्री राम और योगेश्वर श्रीकृष्ण आदि की तो इन्हे (ईसाई और मुस्लमान) को ठोस प्रमाण चाहिए –

जबकि – रामसेतु इतना बड़ा प्रमाण – श्री लंका – खुद में एक अकाट्य प्रमाण – फिर भी नहीं मानते –

महाभारत के इतने अवशेष मिले – आज भी कुरुक्षेत्र जाकर आप स्वयं देख सकते हैं – दिल्ली (इंद्रप्रस्थ) पांडवकालीन किला आज भी मौजूद है जिसे पुराना किला के नाम से जाना जाता है।

इतना कुछ है – फिर भी कुछ समूह (ईसाई और मुस्लमान) मूर्खो जैसे वही उवाच करते हैं – प्रमाण लाओ –

आज हम इस समूह (ईसाई और मुस्लमान) से कुछ जवाब मांगते हैं –

1. हज़रत आदम और हव्वा यदि मानवो के प्रथम पूर्वज हैं तो – क्यों औरत आदमी से पैदा नहीं होती ???? ऐसा इसलिए क्योंकि प्रथम औरत (हव्वा) आदम की दाई पसली से निर्मित की गयी – क्या किसी शैतान ने बाइबिल और क़ुरान के तथाकथित अल्लाह का निज़ाम उलट दिया ?? या कोई और शक्ति ने ये चमत्कार कर दिया ??? जिसे आज तक अल्लाह या यहोवा ठीक नहीं कर पाया – यानि की एक पुरुष संतान को उत्पन्न करे न की औरत ???

2. यदि बाइबिल और क़ुरान की ये बात सही है कि यहोवा या अल्लाह ने हव्वा को आदम की पसली से बनाया तो आदम यानि की सभी पुरुषो की एक पसली क्यों नहीं होती ???????? और जो हव्वा को एक पसली से ही पूरा शरीर निर्मित किया तो हव्वा को भी एक ही पसली होनी चाहिए – या यहाँ भी कोई शैतान – यहोवा या अल्लाह पर भारी पड़ गया और यहोवा और अल्लाह की बनाई संरचना में – बड़ा उलटफेर कर दिया जिसे आजतक यहोवा या अल्लाह ने कटाई छटाई का हुक्म देकर अपना बड़प्पन साबित करने की नाकाम कोशिश की ???????

3. यहोवा या अल्लाह ने आदम और हव्वा की संरचना कहा पर की ?? क्या वो स्थान किसी वैज्ञानिक अथवा researcher द्वारा खोज गया ????

4. हज़रत आदम और हव्वा ने ऐसा क्या काम किया जिसकी वजह से उन दोनों को स्वर्ग (अदन का बाग़) से बाहर निकल दिया गया ?? क्या अपने को नंगा जान लेना और जो कुछ बन पाये उससे शरीर को ढांप लेना – क्या गुनाह है ????? क्या जीवन के पेड़ से बुद्धि को जागरूक करने वाला फैला खाना पाप था ????? ये पेड़ किसके लिए स्वर्ग (अदन का बाग़) में बोया गया और किसने बोया ???? क्या खुद यहोवा या अल्लाह को ऐसे पेड़ या फल की आवश्यकता थी या है ??? अगर नहीं तो फिर आदम और हव्वा को खाने से क्यों खुद यहोवा या अल्लाह ने मना किया ??? क्या यहोवा या अल्लाह – हज़रत आदम और हव्वा को नग्न अवस्था में ही रखना चाहते थे ???? या फिर यहोवा या अल्लाह नहीं चाहता था की वो क्या है इस बात को हज़रात आदम या हव्वा जान जाये ????

5. यहोवा या अल्लाह द्वारा बनाया गया – अदन का बाग़ – जहा हजरत आदम और हव्वा रहते थे – जहा से शैतान ने इन दोनों को सच बोलने और यहोवा या अल्लाह के झूठे कथन के कारण बाहर यानि पृथ्वी पर फिकवा मारा – बेचारा यहोवा या अल्लाह – इस शैतान का फिर से कुछ न बिगाड़ पाया – खैर बिगाड़ा या नहीं हमें क्या करना – हम तो जानना चाहते हैं – ये अदन का बाग़ मिला क्या ??????

6. यहोवा या अल्लाह द्वारा – आदम और हव्वा को उनके सच बोलने की सजा देते हुए और अपने लिए उगाये अदन के बाग़ और उस बाग़ की रक्षा करने वाली खडग (तलवार) से आदम और हव्वा को दूर रखने के लिए पृथ्वी पर भेज दिया गया। मेरा सवाल है – किस प्रकार भेजा गया ??? क्या कोई विशेष विमान का प्रबंध किया गया था ???? ये सवाल इसलिए अहम है क्योंकि बाइबिल के अनुसार यहोवा उड़ सकता है – तो क्या उसकी बनाई संरचना – आदम और हव्वा को उस समय “पर” लगाकर धरती की और भेज दिया गया – या कोई अन्य विकल्प था ???

ये कुछ सवाल उठे हैं – जो भी कुछ लोग (ईसाई और मुस्लमान) श्री राम और कृष्ण के अस्तित्व पर सवाल उठाते हैं – अब कुछ ठोस और इतिहास की नज़र में ऐसे अकाट्य प्रमाण लाओ जिससे हज़रत आदम और हव्वा का अस्तित्व साबित हो सके – नहीं तो फ़र्ज़ी आधार पर की गयी मनगढंत कल्पनाओ को खुद ही मानो – और ढोल पीटो – झूठ के पैर नहीं होते – और सत्य कभी हारता नहीं – ध्यान रखना –

वो जरा इन सवालो के तर्कपूर्ण और वैज्ञानिक आधार पर जवाब दे – नहीं तो अपना मुह बंद रखा करे।

नोट : कृपया दिमाग खोलकर और शांतिपूर्ण तरीके से तार्किक चर्चा करे – आपका स्वागत है – गाली गलौच अथवा असभ्य बर्ताव करने पर आप हारे हुए और जानवर घोषित किये जायेंगे।

सहयोग के लिए –

धन्यवाद –

20 thoughts on “इस्लाम और ईसाइयत का इतिहास एक नज़र में”

  1. अब्बू 😡: ओ बेवकूफ़ । मैंने कल तुमको कुरान दिया था पढ़ने के लिए, क्या तुमने पढ़ा ? कुछ दिमाग मे घुसा ?

    अब्दुल☺: हाँ अब्बू पढ़ ली।
    और
    अब
    आप मरने के लिए तैयार हो जाओ (कनपटी पर तमंचा 🔫 रख देता है) ।

    अब्बू 😳: अब्दुल ये क्या कर रहे हो ? मैं तुम्हारा बाप हूँ ।

    अब्दुल 😉: अब्बू , “मेरे Guardian सिर्फ अल्लाह हैं, और अल्लाह ने ही मुझे पैदा किया हैं और सिर्फ उसी का हुक्म भी चलता हैं।’’(कुरान, 7:54) पढ़ लो अब्बू

    अब्बू 😖: पर बेटा माँ-बाप का आदेश मानना हमारे संस्कार हैं ।

    अब्दुल 😉: “आदेश देने का सारा का सारा अधिकार सिर्फ अल्लाह ही का है।’’ (कुरान, 3:154) और “अल्लाह का आदेश है कि तुम उसके अलावा किसी की रहनुमार्इ न स्वीकार करे यही सत्य मार्ग हैं।’’(कुरान, 12 : 40)

    अब्बू 😖: बेटा मैं मर जाऊंगा

    अब्दुल 😚: अब्बू आप मरोगे तो आपको जन्नत मिलेगी , 72 हूर और गिलीमा मिलेगी । जन्नत मे दारू की नदी से पैग बनाना और हूरो के साथ सेक्स करना ।

    अब्बू 😖: अब्दुल मजाक मत करो गोली चल जाएगी और मुझको दर्द से तड़पाकर मार देगी । तुम्हारी अम्मी और बहन का क्या होगा ?

    अब्दुल 😍: क्यों डरते हो ? अम्मी से निकाह चचा जान कर लेंगे और बहन से निकाह मैं कर लूँगा ।। कुरान सूरा 30:50 से सभी ईमानवालों को अपनी चचेरी-ममेरी-फुफेरी-मौसेरी बहन से सेक्स का अधिकार मिला, यहाँ तक की कुरान सूरा 33:37 से वे अपनी बहू से भी निकाह कर सकते । हमारे पिगअंबर साहब ने भी अपनी बहू जैनब से निकाह किया था ।

    अब्बू आप चाहते तो कुरान सूरा 33:37 पढ़ मेरी बीबी से भी मजा ले सकते थे, अपनी बेटी को सेक्सयूली चुम्मा-चाटी कर सकते थे । मौलाना जी का फतवा पर तो आप गौर करते ही नहीं ।

    अब्बू 😖: कुछ रिश्तों के बारे में तो सोच पागल ।

    अब्दुल 😍: इस दुनिया में माँ-बाप भाई कोई मेरा मित्र नही कुरान सूरा 9:23 । हम सब अल्लाह के जिहादी हैं । अल्लाह ने हम ‘ईमानवालों’ (मुसलमानों) से उनके प्राणों और उनके मालों को इसके बदले में खरीद लिया है कि उनके लिए हम अल्लाह के मार्ग में मरते हैं तो मारते भी हैं । ऐसा कुरान सूरा 9:111) में लिखा हे 😬

    अब्बू 😨: बेटा मुझको मारने से तुझे क्या मिलेगा ?

    अब्दुल 😌: अगर इस तरह आप मारे गए तो आपको जन्नत में हूर मिलेगी ।
    और मुझको आपकी संपत्ति, आपकी बेटी और आपके घर की नौकरनी को अपनी गुलाम लौंडी बनाने का मौका ।

    Are bhai saheb kuran kahta hai dhartee chapti hai,surya pritvee ka chakkar lagati hai,sristi 5000 sal pahle bani,,,Allah me 6 din me sristi rachna ki or satve din aram kiya to abhi nikamma baith me kya kar raha hai,,,ye murkho ka majhab Islam andhkar yug me phaila that,,,,ek bhi ayat ka grammer bhi sahi nahi hai,,Allah ko khagolshastr bhi nahi pata hai,,Allah ka phajeehat karke rakh diya hai,,,,ye andhkar yug me ankh k andhe log ne iska follower bana hai ye murkho ka majhab hai,,,Jo bhi question or kuran ka ayat likha hu uska reply kya hai tum logo k pas,,,,

    1. पिता : ओ बेवकूफ़।
      मैंने तुमको गीता दी थी पढ़ने के लिए क्या तुमने गीता पढ़ी?
      कुछ। दिमाग मे घुसा?

      पुत्र : हाँ पिताजी पढ़ ली।
      और अब आप।

      मरने के लिए तैयार हो जाओ (कनपटी पर तमंचा रख देता है) ।

      पिता : बेटा ये क्या कर रहे हो ? मैं तुम्हारा बाप हूँ ।

      पुत्र : पिताजी, ना कोई किसी का बाप है और ना कोई किसी का बेटा । ऐसा गीता में लिखा है ।

      पिता : बेटा मैं मर जाऊंगा

      पुत्र : पिताजी शरीर मरता है ।
      आत्मा कभी नही मरती!
      आत्मा अजर है, अमर है ।

      पिता : बेटा मजाक मत करो गोली चल जाएगी और मुझको दर्द से तड़पाकर मार देगी ।

      पुत्र : क्यों व्यर्थ चिंता करते हो ? किससे तुम डरते हो ।
      गीता में लिखा है-
      नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि,
      नैनं दहति पावकः
      आत्मा को ना पानी भिगो सकता है और ना ही तलवार काट सकती, ना ही आग जला सकती ।
      किसलिए डरते हो तुम ।

      पिता : बेटा! अपने भाई बहनों के बारे में तो सोच, अपनी माता के बारे में भी सोच ।

      पुत्र : इस दुनिया में कोई
      किसी का नही होता ।
      संसार के सारे रिश्ते स्वार्थों पर टिके है ।
      ये भी गीता में ही लिखा है ।

      पिता : बेटा मुझको मारने से तुझे क्या मिलेगा ?

      बेटा : अगर इस धर्मयुद्ध में आप मारे गए तो आपको स्वर्ग प्राप्ति होगी ।
      मुझको आपकी संपत्ति प्राप्त
      होगी ।

      पिता : बेटा ऐसा जुर्म मत कर ।

      पुत्र : पिताजी आप चिंता ना करें।
      जिस प्रकार आत्मा पुराने जर्जर शरीर को त्यागकर नया शरीर धारण करती है, उसी प्रकार आप भी पुराने जर्जर शरीर को त्यागकर नया शरीर धारण करने की तयारी करें ।

      1. जनाब राजेश जी ने कुरान की आयत पेश की थी उसी प्रकार आप गीता से श्लोक अध्याय पेश करते जिससे पौराणिक लोगो को सत्य की बात मालुम होता मगर ऐसा नहीं करके यह प्रमाण नहीं देकर यह साबित किया की आपने बदले की करवाई की मगर बिना प्रमाण के | बिना प्रमाण के कुछ भी लिखा जा सकता है इस कारण प्रमाण के साथ दें | बिना प्रमाण के मैं यह भी बोल सकता हु की मैं ही आप लोगो का पैगम्बर था | प्रमाण देना जरुरी होता है जैसा राजेश जी ने दिया | वैसे हम वेद को मानते हैं पौराणिक ग्रन्थ को नहीं मानते जिसमे मिलावट की गयी है | प्रमाण के साथ चुटकुला कम से कम बनाये | नहीं तो आप झूठे कहलाओगे | धन्यवाद |

      2. Abdul ke bete ki hi tarah is geeta padhnewale bache ko bhi sirf sampati chaiye isliye isne apne matlab ko geeta ke sath joda according to science,veda,quran,geeta kisi bhi cheez ke kai matlab hote ye time aur space par nirbhar Karte hai. Ye ham par hai in dono ki tarah darhm grantho ka use apne matlab ke liye kare ya phir insan banane ke liye kare.

    2. Sahi kaha apne bilkul aisa hi hai ham sampati aur apne matlab ke liye kisi bhi darm granth ke matlab ko badal sakte hai. Abdul ke bete ne quran ka istemal sampati aur sukh pane ke liye kiya na ki insan banane ke liye isliye ye aayete uske matlab ko sach sabit kartik hai na ki Quran ke matlab ko.

      1. Please let me know you opinion about below bible verse

        Luke 19:27
        But as for these enemies of mine, who did not want me to reign over them, bring them here and slaughter them before me.’”

  2. Or ha bhai ek baat or aap kabhi nahi samjhoge ki allah kya hai kon hai kyu hai aap to bas moorti pooja karo wahi behtar hai aap ke liye

    1. अरे जनाब पौराणिक तो खड़े मूर्ति की पूजा करते हैं मगर इससे बुरा क्या होगा की आप लोग गड़े मूर्ति की पूजा करते हो |

    1. जनाब रजनीश जी ने खोज बिन के बात ही प्रमाण दिया यदि वैसा है तो आप उस प्रमाण को तर्क से इस्लाम और बाइबिल से प्रमाण देकर खंडन करें |

  3. Islam ne saari baton ko kholkar samjhaya he hinddu dharam ko manne wale sabse badi do galtiya karte he ek to ram Krishna ko vo khuda yaani bhagwan mante he jabki vo sirf Insaan the bhagwan ko dharti per aane ki jarurat Nahi vvo her jagah he or dusra khuda yani bhagwan ko poojne ke bjaye murti pooja or andhwiswas jo panddit logon ne felaya he or jin kitabon ko ye maante he vo insaano dwara likhi or bnayi gai he ramayan Tulsidas’s jo man me aata gaya likhte gaye jabki isayiyat Yahudiyat Or Muslim khuda ke dwara bheji hui kitabon ko maante he. Torah prophet moosa ya Moses Bible injeel Jesus Christ yani hajrat isa or Quran Prophet Muhammad yani last pagamber fark bus itna he ke yahoodi or isayiyat ne Torah and Bible me change kar diya or khuda ke tareeke ko choudkar apne tareeke se dharam ko manne lage jabki Islam me ye mana hey or khuda ke tareeke jo Quran me he Quran ke according reliogen ki follow Karna he Hinduism crishchianity or yahudiyat jo apne man se follow karte he paakhand he

    1. Shri krishan aur Ram ko to ham insan hee mante hien
      Ishwar hee puja ke yogya hai ye baat bhee aapki sabhe hai

      ab jara ye batao
      majaro par kyon jate ho
      peero ke aage kyon nak ragadte ho
      aur kalmen men Muhammad sahib ka naam kyon lete ho ?

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